पाखंड मिटाने की खातिर आर्य समाज ने शुरू की वैदिक प्रश्नोत्तरी परीक्षा
सत्यखबर सफीदों (महाबीर मित्तल) – महिलाओं को अंधविश्वास और पाखंड से दूर करने की खातिर आर्य समाज सफीदों और माता चन्नन देवी आर्य कन्या गुरुकुल पिल्लूखेड़ा के सयुंक्त तत्वावधान ने अनोखी पहल शुरू करते हुए महिलाओं के लिए वैदिक प्रश्नोत्तरी परीक्षा शुरू की है। यह जानकारी देते हुए आर्य समाज के मंत्री संजीव मुआना ने दी। इस मौके पर आर्य समाज के धर्माचार्य कमलेश शास्त्री भी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि इस प्रश्रोत्तरी के माध्यम से महिलाओं को वैदिक विचारों, महर्षि दयानंद सरस्वती के जीवन चरित्र एवं सत्य सनातन संस्कृति को जानने का अवसर तो मिलेगा ही साथ ही साथ वे अंधविश्वास, पाखंड व दुर्गुणों से दूर रहेंगी।
उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता की तैयारी के लिए महिलाओं को वैदिक प्रश्नोत्तरी पुस्तक देकर एक महीने का समय दिया गया है और निश्चित समयावधि के उपरांत यह परीक्षा आयोजित की जाएगी और परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाली महिलाओं को पुरस्कार भी वितरित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आर्य समाज वैदिक धर्म पर आधारित वह संगठन है, जो धर्म, अधर्म की व्याख्या तर्क की तुला पर तौलकर करता है। वेदों में स्पष्ट लिखा है कि ईश्वर की कोई प्रतिमा नहीं है, वह अंतर्यामी है। इसलिए परमात्मा को किसी स्थान विशेष में सीमित करके नहीं रखा जा सकता। वह अजर अमर और अभय इस समूचे जगत की उत्पत्ति करने वाला है। उसी सर्वशक्तिमान की उपासना यज्ञादि कर्मों द्वारा की जाती है।